जयपुर। राजस्थान विधानसभा के 2018 के चुनाव के नतीजों से सभी वाकिफ हैं। कांग्रेस ने सत्तारूढ् बीजेपी को धूल चटाते हुए राजस्थान का सिंहासन हासिल किया था। ये भी याद है कि सरकार में रहते हुए भी बीजेपी चुनावी मैदान में कांग्रेस के सामने असहाय नजर आई थी। इतना याद है तो फिर वो भी याद होगा जो तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने किया था। हम उस कसम की बात कर रहे हैं जिसके दम पर कांग्रेस की सरकार बनी थी। हम उसी कसम की बात कर रहे हैं जिसके चलते सचिन पायलट ने 2018 के चुनाव से पहले 2014 में खाई थी। ये कसम थी कि वो कभी साफा या पगड़ी नहीं पहनेंगे। जी, सही पहचाना। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने चुनाव से पहले ही दावा कर दिया था कि वो बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकेंगे। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनेगी और जनता से वादा किया था कि जब तक राजस्थान में उनकी पार्टी की सरकार नहीं बनेगी, तब तक वो साफा नहीं पहनेंगे। ऐसा हुआ भी। 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी। हालांकि ऐसा नहीं हो सका कि सत्ता का सेहरा उनके सिर पर सजे। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं 2023 के विधानसभा चुनाव की।
क्या गोविंद सिंह डोटासरा सचिन पायलट की तरह कसम खा सकते हैं?
2014 में हार के बाद पायलट के खाई थी कसम
पायलट ने भरी सभा में कहा था कि राजस्थानी संस्कृति का प्रतीक साफा पहनना उन्हें खूब पसंद हैं। लेकिन 2014 में पार्टी की हार के बाद उन्होंने तय कर लिया कि वो सरकार बनने तक साफा नहीं पहनेंगे। पायलट ने यहां तक कहा था कि चुनाव प्रचार के दौरान काफी लोगों ने उन्हें तोहफे के रूप में साफा दिया लेकिन उन्होंने उसे नहीं पहना बल्कि माथे से लगाकर वहीं रख दिया। पायलट का बयान था, 'मुझे पूरा विश्वास है कि कांग्रेस जीतेगी और मुझे एक बार फिर से साफा पहनने का मौका मिलेगा'