लीडरशिप की डगर पर विशेष बच्चे

दिशा परिसर में आयोजित रायला कार्यRम के दूसरे दिन बच्चों ने जाने टीमवर्क और पब्लिक स्पीकिंग के गुर

- तीन दिवसीय कार्यRम का समापन आज, रोटरी क्लब के इन्टरनेशनल प्रेसीडेंट गैरी हुआंग करेंगे विशेष बच्चों की स्मार्ट क्लास का शुभारम्भ

जयपुर। जिन्दगी में कुछ हासिल करने के लिए न केवल जज्बा और हौसला होना चाहिए बल्कि प्रभावी संवाद कला भी आनी चाहिए। यह कहना है कम्यूनिकेशन ट्रेनर प्रज्ञा मेहता का।

निर्माण नगर-सी स्थित दिशा फाउण्डेशन परिसर में आयोजित किये जा रहे रोटरी यूथ लीडरशिप अवॉर्ड (रायला) कार्यRम के दूसरे दिन सोमवार को विषेष बच्चों में कम्यूनिकेशन स्किल डवलप करने के लिए आयोजित की गई वर्कशॉप में प्रज्ञा ने यह बात कही।

कार्यRम की शुरूआत में बच्चों को सम्बोधित करते हुए दिशा की निदेशक कविता अपूर्वा वर्मा ने कहा कि यह तीन दिवसीय रायला कार्यRम विशेष बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में अहम साबित होगा। संस्थान की सहायक निदेशक अर्पिता यादव ने जिन्दगी में प्रभावी संवाद कला की अहमियत पर जोर दिया।

गौरतलब है कि मानसिक रूप से कमजोर, सेरेब्रल पाल्सी, ऑटिस्टिक और मल्टीपल डिसेबिलिटी से ग्रसित बच्चों तथा श्रवण बाधित व दृष्टि बाधित बच्चों को एक ही मंच पर एक साथ लीडरशिप, कम्यूनिकेशन स्किल्स, लक्ष्य हासिल करने की क्षमता और जीवन जीने की कला सिखाने के लिए देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी पहली बार ऎसा प्रयास किया जा रहा है।


इससे पूर्व कार्यRम के पहले सत्र में खेल प्रशिक्षक केसर आरा ने विभिन्न स्पोट्र्स एक्टिविटीज, प्ले थैरेपी और साउण्ड थैरेपी के जरिये विशेष बच्चों को कम्यूनिकेशन स्किल डवलप करने और टीमवर्क की बारीकियां समझाईं।

दूसरे सत्र में ट्रेनर महमूद अली ने टच थैरेपी के जरिये लोगों को जानने और समझने की कला सिखाई। इसी सत्र में ट्रेनर श्याम महावर ने डांस थैरेपी के जरिये टीम बिल्ड करने, लीडरशिप स्किल डवलप करने और व्यक्तित्व में निखार लाने के गुर सिखाये।

कार्यRम के अन्तिम सत्र में ट्रेनर प्रज्ञा मेहता ने कम्यूनिकेशन स्किल बढ़ाने, इफेक्टिव पब्लिक स्पीकिंग और पर्सनेलिटी डवलपमेन्ट के बारे में सिखाया।

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