सीबीएसई बोर्ड की हेल्पलाइन पर 1000 से अधिक स्टूडेंट्ïस ने पूछा अब क्या करें?
जयपुर। सीबीएसई के बोर्ड एग्जाम्स के बाद बोर्ड की ओर से संचालित टेलीफोनिक काउंसलिंग में सैकड़ों स्टूडेंट्स ने फोन कॉल हैं। टेली काउंसलर्स की मानें तो स्टूडेंट्ïस में गजब का उत्साह रहा है। अधिकांश स्टूडेंट अपनी लास्ट परफॉर्मेंस भूलकर आगे के रास्तों पर उत्साह से बढऩा चाहते हैं। टॉपर्स जहां सही सब्जेक्ट चुनकर आगे भी अपनी पॉजिशन बनाए रखना चाहते हैं, वहीं एवरेज स्टूडेंट अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए सही मार्गदर्शन लेने से नहीं हिचकिचा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बोर्ड ने स्टूडेंट की टेंशन कम करने के लिए हेल्पलाइन शुरू की थी, जो 3 जून तक चली। इसके जरिए स्कूल प्रिंसिपल्स, काउंसलर्स व मनोवैज्नानिकों ने 10वीं व 12वीं के स्टूडेंट्ïस को टेलीफोन व वेबसाइट पर ऑनलाइन कॅरियर गाइडेंस दी। शहर में भी इसके तहत दो काउंसलर्स नियुक्त किए गए, जिनके अनुसार टेली कॉउंसलिंग के जरिए उन्हें रोजाना 70 से 80 कॉल प्राप्त हुए।
माक्र्स कम हैं, क्या करें?
काउंसलर सीमा शर्मा के अनुसार उनके पास आने वाले कॉल्स में अधिकतर स्टूडेंट माक्र्स कम आने से परेशान थे। कोई विषय विशेष की फिर से एग्जाम देने की बात पूछ रहा था तो कोई अपने कॉलेज एडमिशन को लेकिर चिंतित था। शर्मा कहती हैं कि ऐसे वक्त जबकि रिजल्ट करीब 87 प्रतिशत रहा है, फिर भी कम माक्र्स आने से बच्चे टेंशन में हैं। ऐसे क्वेश्चन्स पर काउंसलर्स जवाब में बच्चों को इम्प्रूवमेंट, गैप व अन्य विकल्प के बारे में जानकारी दे रहे हैं। हेल्पलाइन पर कम माक्र्स आने पर कुछ पैरेंट्ïस के कॉल भी आए। 50-60 प्रतिशत माक्र्स प्राप्त करने वाले माक्र्स इम्प्रूवमेंट व अच्छी कॉलेजों में एडमिशन के लिए गैप लेने का परामर्श मांग रहे हैं।
'स्माइल थू्र स्ट्रेस''
बोर्ड के आउटरीच प्रोग्राम के तहत सीबीएसई टेलीफोन हेल्पलाइन के साथ इंटरेक्टिव वॉइस रेस्पॉन्स सिस्टम (ढ्ढङ्कक्रस्) के जरिए वेबसाइट से ऑनलाइन परामर्श भी शुरू किया है। वेबसाइट पर काउंसलर्स की लिस्ट, स्ट्रेस मैनेजमेंट के साथ एक शॉर्ट फिल्म 'स्माइल थू्र स्ट्रेसÓ भी दिखाई जा रही है। फिल्म में पढ़ाई के दौरान आने वाली परेशानियों का हल व स्ट्रेस मैनेज करना बताया गया है।
जयपुर। सीबीएसई के बोर्ड एग्जाम्स के बाद बोर्ड की ओर से संचालित टेलीफोनिक काउंसलिंग में सैकड़ों स्टूडेंट्स ने फोन कॉल हैं। टेली काउंसलर्स की मानें तो स्टूडेंट्ïस में गजब का उत्साह रहा है। अधिकांश स्टूडेंट अपनी लास्ट परफॉर्मेंस भूलकर आगे के रास्तों पर उत्साह से बढऩा चाहते हैं। टॉपर्स जहां सही सब्जेक्ट चुनकर आगे भी अपनी पॉजिशन बनाए रखना चाहते हैं, वहीं एवरेज स्टूडेंट अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए सही मार्गदर्शन लेने से नहीं हिचकिचा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बोर्ड ने स्टूडेंट की टेंशन कम करने के लिए हेल्पलाइन शुरू की थी, जो 3 जून तक चली। इसके जरिए स्कूल प्रिंसिपल्स, काउंसलर्स व मनोवैज्नानिकों ने 10वीं व 12वीं के स्टूडेंट्ïस को टेलीफोन व वेबसाइट पर ऑनलाइन कॅरियर गाइडेंस दी। शहर में भी इसके तहत दो काउंसलर्स नियुक्त किए गए, जिनके अनुसार टेली कॉउंसलिंग के जरिए उन्हें रोजाना 70 से 80 कॉल प्राप्त हुए।
माक्र्स कम हैं, क्या करें?
काउंसलर सीमा शर्मा के अनुसार उनके पास आने वाले कॉल्स में अधिकतर स्टूडेंट माक्र्स कम आने से परेशान थे। कोई विषय विशेष की फिर से एग्जाम देने की बात पूछ रहा था तो कोई अपने कॉलेज एडमिशन को लेकिर चिंतित था। शर्मा कहती हैं कि ऐसे वक्त जबकि रिजल्ट करीब 87 प्रतिशत रहा है, फिर भी कम माक्र्स आने से बच्चे टेंशन में हैं। ऐसे क्वेश्चन्स पर काउंसलर्स जवाब में बच्चों को इम्प्रूवमेंट, गैप व अन्य विकल्प के बारे में जानकारी दे रहे हैं। हेल्पलाइन पर कम माक्र्स आने पर कुछ पैरेंट्ïस के कॉल भी आए। 50-60 प्रतिशत माक्र्स प्राप्त करने वाले माक्र्स इम्प्रूवमेंट व अच्छी कॉलेजों में एडमिशन के लिए गैप लेने का परामर्श मांग रहे हैं।
'स्माइल थू्र स्ट्रेस''
बोर्ड के आउटरीच प्रोग्राम के तहत सीबीएसई टेलीफोन हेल्पलाइन के साथ इंटरेक्टिव वॉइस रेस्पॉन्स सिस्टम (ढ्ढङ्कक्रस्) के जरिए वेबसाइट से ऑनलाइन परामर्श भी शुरू किया है। वेबसाइट पर काउंसलर्स की लिस्ट, स्ट्रेस मैनेजमेंट के साथ एक शॉर्ट फिल्म 'स्माइल थू्र स्ट्रेसÓ भी दिखाई जा रही है। फिल्म में पढ़ाई के दौरान आने वाली परेशानियों का हल व स्ट्रेस मैनेज करना बताया गया है।